मंदिरों की लूट
इतिहास साक्षी है कि सातवीं सदी से लेकर 19वीं सदी तक इस्लाम ने हिन्दुओं का तथा उनकी सभ्यता व संस्कृति का जिस प्रकार से विनाश किया है ऐसा विश्व में अन्य कहीं देखने को नहीं मिलता है । इस पुस्तक में सशक्त प्रमाणों के आधार पर यह सिद्ध किया गया है कि कितने भयावह रूप से मुस्लिमों ने हिन्दुओं का कत्लेआम किया है और उनके मंदिरों को तोड़ा, उनकी मूर्तियों को मस्जिदों की सीढ़ियों में चिनवाया तथा उनका सारा धन (सोना-चांदी, हीरे-जवाहरात अर्थात् याकूत आदि) लूट कर यवन आदि देशों में ले गये । इस पुस्तक में दिए प्रमाण इस्लाम के इतिहासकारों तथा उन लुटेरे शासकों द्वारा लिखवाई गयी पुस्तकों से ही दिए गये हैं । यह पुस्तक प्रत्येक हिन्दू के घर में होनी अनिवार्य है । आप इस पुस्तक को शीघ्र से शीघ्र पढ़ें तथा अन्यों को भी वेबसाइट से खरीदकर पढने हेतु प्रेरित करें ।