ब्रह्मचर्य ही जीवन का आधार है
आज अधिकांश नौजवान भाई-बहनें दुराचार, व्याभिचार से ग्रसित हैं । आज प्रत्येक क्षेत्र में विचारों को मलीन करने वाली गंदगी मौजूद है । जिस भी भाई-बहन के जीवन में अकेलापन है तो साधारणतः वह इस गंदगी का शिकार होता है । ब्रह्मचर्य का पालन प्रत्येक मनुष्य के जीवन को सरल और सहज बनाने के लिए परमावश्यक है । उत्तम संतान प्राप्ति से लेकर जीवन में की जाने वाली प्रत्येक क्रियाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए उत्साह और उमंग की आवश्यकता पड़ती है, जिसकी नींव ब्रह्मचर्य और उचित दिनचर्या पर निर्भर करती है । आजीवन ब्रह्मचारी रहे स्वामी ओमानंद सरस्वती जी (आचार्य भगवानदेव जी) गुरुकुल झज्जर (हरियाणा का प्रथम गुरुकुल) के संस्थापक ने ब्रह्मचर्य को लेकर अपने जीवन के अनुभव को 'ब्रह्मचर्य के साधन' पुस्तक के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास किया है ।
स्वामी ओमानंद सरस्वती जी ने "वीर्यवान भारत" जैसे उद्देश्यों की पूर्ति हेतु 'ब्रह्मचर्य के साधन' पुस्तक के माध्यम से निम्न विषयों जैसे- प्रात: जागरण, चक्षु स्नान, उष: स्नान, दन्त रक्षा, स्वास्थ्य का महत्व, व्यायाम, स्नान, संध्या, प्राणायाम, सत्संग, भोजन, निद्रा व मेखला पर विशेष जोर दिया है । 'ब्रह्मचर्य के साधन' पुस्तक जोकि कुछ समय पूर्व ग्यारह भागों में उपलब्ध था लेकिन पाठकों को सहज ही लाभ पहुंचाने के लिए अब इन ग्यारह भागों का एक ही पुस्तक बनाया गया । यह पुस्तक अत्यंत अमूल्य निधि है जो प्रत्येक के घर में उपस्थित होनी ही चाहिए ।
Bharamchary Is one of the most important thing in ayurveda . According to indian saints bharamcharya can do miracles in one's life. To become successful in life bharam charya need to be protected . In this book bharamcharya ke sadhan every single detail has been given with the help of which indian young boys and girls can acquire good and healthy knowledge of bharamcharya . To buy all pure religious books must visit thanksbharat.com .